टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने टीम इंडिया के चयनकर्ताओं पर जमकर हमला बोला। फारुख इंजीनियर ने एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति पर सवाल उठाते हुए उन्हें बहुत खराब तरीके से सुना था। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज, फारूक इंजीनियर ने चयनकर्ताओं को ‘मिक्की माउस चयन समिति’ कहा है। हमारे पास मिकी माउस सेलेक्शन कमिटी है. टीम चयन कोई चुनौती नहीं है, क्योंकि इसमें कप्तान विराट कोहली की काफी चलती है.
82 वर्षीय फारुख इंजीनियर ने आगे अनुष्का शर्मा का नाम घसीटते हुए कहा था, ‘सेलेक्टर्स की योग्यता क्या है? सभी ने मिलकर 10-12 टेस्ट मैच खेले हैं. मैं वर्ल्ड कप के समय एक चयनकर्ता को पहचान भी नहीं पाया और पूछा कि ये कौन है, क्योंकि उसने भारतीय ब्लेजर पहना था. वह सभी अनुष्का शर्मा इर्दगिर्द घूम रहे थे.’ मैंने किसी से पूछा ये कौन था, जिसने भारत का ब्लेजर पहन रखा था, तो उसने बताया कि यह एक सेलेक्टर है. वे सिर्फ विराट की पत्नी अनुष्का शर्मा को चाय के कप दे रहे थे.
इसी पत्र का जवाब देते हुइ अनुष्का शर्मा ने एक पत्र लिखकर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है जिसमे उन्होंने खुद से जुड़े क्रिकेट के सभी पुराने मुद्दों पर बात की और सफाई दी.
अनुष्का ने अपने इस लेटर में लिखा, ‘मैंने हमेशा से ये माना है कि इंसान के लिए गलत और झूठी अफवाह पर चुप्पी साधे रखना सही होता है. इसी तरह मैंने अपने 11 साल के करियर को हैंडल किया है. मैंने हमेशा अपनी चुप्पी में सच और गरिमा को देखा है. कहते हैं एक झूठ को बार-बार बोला जाए तो वो सच लगने लगता है और मुझे डर है कि मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा है. मेरी चुप्पी की वजह से मेरे बारे में बोले गए झूठ को सच मान रहे हैं, लेकिन आज ये सब खत्म होता है.
— Anushka Sharma (@AnushkaSharma) October 31, 2019
मैं हमेशा चुप रही जब मेरे तब के बॉयफ्रेंड और आज पति विराट कोहली की खराब परफॉरमेंस के लिए, मुझपर इल्जाम लगाए गए और मैंने भारतीय क्रिकेट से जुड़े सभी इल्जामों को अपने सिर लिया. मैं तब चुप थी. मेरा नाम झूठी कहानियों में छापा गया, कहा गया कि मैं बोर्ड की बंद कमरों में होने वाली मीटिंग्स का हिस्सा होती हूं और सिलेक्शन प्रोसेस को प्रभावित करती हूं और मैं चुप रही. मेरा नाम गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया और कहा गया कि मुझे खास तरह से ट्रीट किया जाता और मैं कैसे विदेशी टूर पर अपने पति के साथ अधिकृत समय से ज्यादा रही हूं, जो कि अगर किसी ने बोर्ड से सच जानने की कोशिश की है तो पता चले कि मैंने हमेशा प्रोटोकॉल को फॉलो किया है. लेकिन फिर भी, मैं चुप रही.
मेरा नाम कई जगह झूठी स्टोरी में शामिल किया गया है. जैसे मेरी टिकट या सुरक्षा का खर्चा क्रिकेट बोर्ड द्वारा उठाया जाता है. जबकि सच इससे अलग है, मैं क्रिकेट मैच और फ्लाइट की टिकट खुद खरीदती थी. बावजूद इसके मैंने कभी कुछ नहीं बोला. मुझे ग्रुप फोटो में खड़े होने के लिए उच्चायुक्त की पत्नी ने कहा था. ये एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया. मुझे कहा गया कि मैं जबरदस्ती इसका हिस्सा बनना चाहती हूं. जबकि इस इवेंट के लिए बाकायदा मुझे आमंत्रित किया गया था और बोर्ड ने भी इस पर सफाई दी थी, लेकिन मैं इन सबके बावजूद चुप रही. और सबसे ताजा झूठ है कि मुझे वर्ल्ड कप मैच के दौरान सलेक्टर्स द्वारा चाय परोसी गई थी. मैं वर्ल्ड कप का सिर्फ एक मैच देखने के लिए गई थी, ये मैच भी मैंने सलेक्टर्स बॉक्स में नहीं फैमिली बॉक्स में बैठकर देखा था. जब आपकी सुविधा पर सवाल उठें तो सच मायने रखता है. अगर आप सलेक्शन कमेटी पर सवाल उठाना चाहते हैं तो आप उसके लिए स्वतंत्र हैं. कृप्या अपने आरोप को सच साबित करने के लिए मेरा नाम न घसीटा जाए. किसी को भी ऐसी चीजों में मेरा नाम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है.’
बकौल अनुष्का, ये कोई न्यूज नहीं है जिसने मुझे परेशान किया है और इसलिए मैं अब अपनी चुप्पी तोड़ने का फैसला किया है. ये सब बहुत भयानक है. इसलिए मेरे पत्र को इस न्यूज का करारा जवाब न समझा जाए. आज, मैंने अपनी चुप्पी तोड़ने का फैसला किया है क्योंकि किसी के चुप रहने को उसकी कमजोरी नहीं समझना चाहिए. मैं किसी भी एजेंडा का मोहरा नहीं बनना चाहती. अगली बार अगर किसी को मेरा नाम इस्तेमाल करना है या बोर्ड या मेरे पति को बदनाम करना है तो आप कर सकते हैं, लेकिन इसे पूरे तथ्यों और सबूतों के आधार पर करें. मैं अपने जीवन का खुद नेतृत्व करती हूं, मैंने अपना करियर अत्यंत गरिमा के साथ बनाया है और मैं इसमें कोई कंप्रोमाइस नहीं कर सकती. मेरे लिए इन सब बातों पर विश्वास करना मुश्किल हैं, क्योंकि मैं सेल्फ मेड और स्वतंत्र महिला हूं जो सिर्फ एक क्रिकेटर की पत्नी बनी है.