बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का शोर शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को राज्य में ऑडिटोरियम, हॉल व अन्य बिल्डिंग्स और ग्राउंड की लिस्ट जारी की, जिसमें चुनावी सभाएं हो सकती हैं। लिस्ट के अनुसार राज्य में 665 ऑडिटोरियम, हॉल या अन्य भवन और 1731 ग्राउंड हैं, जहां चुनावी सभाओं की जा सकती हैं।
12 जिलों में न हॉल और न ही ऑडिटोरियम

विधानसभा चुनाव में इस बार 12 जिलों के 74 विधानसभा क्षेत्रों में खुले में ही सभाएं हो सकती हैं। पूर्वी चंपारण में 12 विधानसभा क्षेत्र हैं और यहां पांच मैदान हैं। शिवहर में एक विधानसभा है और 12 मैदान हैं। सीतामढ़ी में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं और 4 मैदान हैं। किशनगंज में चार विधानसभा हैं और 41 मैदान हैं। मधेपुरा में चार विधानसभा हैं और 63 मैदान हैं, इसी प्रकार दरभंगा में 10 विधानसभा क्षेत्र और 95 मैदान हैं।
सीवान की बात करें तो इस जिले में आठ विधानसभा क्षेत्र और 48 मैदान हैं। जिलाबान में 10 विधानसभा क्षेत्र और 44 मैदान, भोजपुर में 7 विधानसभा क्षेत्र और 53 मैदान, बक्सर में तीन विधानसभा और 22 मैदान हैं। इसी प्रकार जहानाबाद में तीन विधानसभा क्षेत्र और 18 मैदान हैं। जुमई में चार विधानसभा और 42 मैदान हैं। विशेष बात ये है कि ये जिले ऑडिटोरियम या हॉल में ही नहीं हैं।
चुनाव आयोग ने जारी की सूची
चुनाव आयोग ने गुरुवार को राज्य में ऑडिटोरियम, हॉल व अन्य बिल्डिंग्स और ग्राउंड की लिस्ट जारी कर दी। सूची के अनुसार राज्य में कुल 665 ऑडिटोरियम, हॉल या अन्य भवन और 1731 ग्राउंड हैं, जहां चुनावी सभाओं की जा सकती हैं। 665 आडिटोरियम की कुल क्षमता 1,88,263 की है, जबकि ग्राउंड की कुल क्षमता 56,53,661 लोगों की है। सबसे अधिक 95 मैदान दरभंगा और गए में हैं, सबसे ज्यादा 89 ऑडोटोरियम समस्तीपुर में हैं और दूसरे स्थान पर वैशाली है, जहां 68 ऑडोटोरियम हैं।
पट में यहाँ कैगी चुनावी सभाएँ होती हैं
पटना जिले में 19 ऑडिटोरियम, हॉल या अन्य बिल्डिंग्स हैं, जहां चुनावी सभाएं हो सकती हैं, जबकि 47 ग्राउंड क्लिट हैं। फतुहा, दानापुर, फुलवारी, पालीगंज व बिक्रम में एक भी ऑडिटोरियम नहीं है, जहां चुनावी सभाएं हो सकती हैं।