वर्षों बाद ग्रह मंडल में इस तरह का संयोग बना है कि सभी नौ ग्रहों में से पांच ग्रह अपनी ही राशि में गोचर कर रहे हैं जबकि दो ग्रह सूर्य तथा बुध अपने मित्र के घर में गोचर कर रहे हैं। इस प्रकार 9 में से 7 ग्रह पृथ्वी वासियों के लिए शुभ फल देने के लिए तत्पर हैं। अपनी राशि में भ्रमण करने वाले ग्रहों में सर्वप्रथम मंगल मेष राशि में, बृहस्पति धनु राशि में, शनि मकर राशि में, राहु वृषभ राशि में तथा केतु वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं। सूर्य अपने मित्र बुध की राशि में तथा बुध अपने मित्र शुक्र की राशि में गोचर कर रहे हैं। इन ग्रहों के शुभ प्रभावस्वरूप देश में राजनैतिक अस्थिरता तथा प्राकृतिक आपदाओं पर नियंत्रण लगेगा। शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय को जनमानस समझने में सफल रहेगा। परस्पर आपसी स्नेह तथा भाईचारा बढ़ेगा। इन ग्रहों के शुभ प्रभाव का देश तथा देश की जनता पर कैसा असर रहेगा आइए विश्लेषण करें।

वर्तमान समय में मंगल अपनी मेष गोचर कर रहे हैं जो 11 सितंबर की प्रात: 3 बजकर 48 मिनट पर वक्री हो गए हैं मेष राशि में ये 4 अक्टूबर तक उसके बाद वक्री अवस्था में ही वापस मीन राशि में आ जाएंगे। मंगल अग्नि तत्वप्रधान ग्रह हैं इसलिए आग से होने वाली घटनाएं तो बढ़ेंगी किंतु हमारी सैन्य बल मजबूती होगी। हो सकता है भारत सरकार विदेशी सरकारों से आयुध संबंधी किसी बड़ी खरीदारी के लिए समझौते करें। कृषि वर्ग के लिए भी मंगल का प्रभाव शुभ रहेगा। पृथ्वी पर अनाज की अधिक से अधिक पैदावार होगी जिसके फलस्वरूप देश में खाद्यान्न की कमी नहीं होगी।
बृहस्पति का प्रभाव
देवगुरु बृहस्पति अपनी ही राशि धनु में गोचर कर रहे हैं जिसके फलस्वरूप शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सरकार द्वारा बड़े-बड़े फैसले लिए जाएंगे। सरकार की नई शिक्षा नीति छात्रों के लिए भविष्य में वरदान की तरह सिद्ध होगी। जनमानस का रुझान धर्म और अध्यात्म की ओर बढेगा। साधु संतों पर हो रही हमलों में कमी आगी और नैतिक मूल्यों के हो रहे पतन में भी सुधार होगा।
शनि का प्रभाव
शनिदेव अपनी ही राशि में गोचर कर रहे हैं जो अभी वक्री हैं, 29 सितंबर को ये मार्गी हो रहे हैं जिनके प्रभावपूर्ण व्यापार के क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से सुधार आने के संकेत हैं। देश के जीडीपी में हो रही गिरावट में कमी आगी और अगले नतीजे तक इसमें काफी सुधार की उम्मीद की जा सकती है। शीर्ष नेतृत्व द्वारा देश की जनता के लिए अच्छे निर्णय के लिए जाएंगे। शनि देव न्याय के देवता हैं इसलिए कोर्ट कचहरी भी शुरू हो जाएगी। न्यायिक निर्णय भी शीघ्रता से लिए जाएंगे।
राहु का प्रभाव
राहु अपनी ही राशि वृषभ में आ चुके हैं जो 18 महीने तक रहेंगे, निश्चित रूप से देश और देश की जनता के लिए यह शुभ संकेत है। हो सकता है कि अधिकारियों में आरोप्वत लेने की प्रवृत्ति बढ़े और वे पकड़े भी जाएं। विदेश नीति के मामले में सरकार उच्चकोटि के मानदंडों को स्थापित करने में सफल रहेगी। फार्मा और आईटी के सेक्टर के नौकरी के अच्छे अवसर के साथ।
केतु का प्रभाव
केतु अपनी ही राशि वृश्चिक में गोचर करेंगे जो मंगल की तरह ही फल देगा इसलिए धर्म और अध्यात्म के प्रति जनमानस का रुझान तो रहेगा ही युवा वर्ग नए-नए शोध करके जनमानस को चौंकाएंगे। रियल स्टेट और पावर सेक्टर के लिए इनका गोचर अतिशुभ रहेगा तो जल्दी ही इन सेक्टरों में निवेशकों का रुझान बढ़ेगा। एक बार फिर से घर खरीदने वालों की दिलचस्पी बढ़ेगी।