ज्यादातर घरों में पूर्वजों की कब्ररे लगी होती हैं। लोग याद के तौर पर या फिर जिनके माता-पिता दादा-दादी स्वर्ग सिधार जाते हैं, उनका आशीर्वाद लेने के लिए घर में पूर्वजों की तस्वीर लगाते हैं। पूर्वजों की तस्वीर घर में रखना सही रहता है, लेकिन उनकी तस्वीरों को ध्यान में रखते हुए कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, नहीं तो आपको परेशानियां हो सकती हैं। जानते हैं कि घर में पूर्वजों की फ़ोटो लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कुछ लोग अपने पूर्वजों की तस्वीर घर के मंदिर में लगा देते हैं और उनकी भी पूजा करते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भले ही पूर्वजों का स्थान उच्च और आदरणीय माना गया है, लेकिन पितर और भगवान का स्थान अलग-अलग होता है। मंदिर में पितरों की तस्वीर लगाने से आपको परेशानियां हो सकती है। इससे देवता नाराज होते हैं।
कभी भी पूर्वजों की तस्वीर लटका कर नहीं लगाना चाहिए। ऐसी तस्वीरों को किसी लकड़ी स्टैंड पर रखना चाहिए। घर में पूर्वजों की बहुत अधिकरे नहीं लगानी चाहिए। कुछ लोग ऐसी जगहों पर पूर्वजों की फ़ोटो लगाते हैं जहां पर सबकी नज़र उस पर पड़े लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। आने-जाने मृत लोगों की छवियों पर नजर पड़ने से मन में निराशा उत्पन्न होती है।
पितरों की तस्वीर शयनकक्ष, घर के बिल्कुल मध्य स्थान या फिर लूट में नहीं लगाना चाहिए। इससे पितर नाराज होते हैं, जिसका बुरा प्रभाव घर की सुख-शांति पर पड़ता है। घर में कलह की स्थिति उत्पन्न होती है।
पितरों की तस्वीर को कभी भी जीवित लोगों की तस्वीरों के साथ नहीं लगाना चाहिए। माना जाता है कि क्या उन लोगों की उम्र कम होती है। व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है, और वह मानसिक रूप से परेशान हो सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की फोटो उत्तर की दीवारों पर लगाना सही रहता है, इससे उनकी दक्षिण दिशा की ओर रहता है। वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा को यम और पितरों की दिशा होती है, लेकिन दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवारों पर पितरों की दिशा न मिलती है।