भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में बेलपत्र के प्रयोग का महत्व हर कोई जानता है लेकिन क्या आप जानते हैं इस पौधे को घर में लगाने से भी आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जी हां, अगर आपके पास अपना अहाता नहीं है तो गमले में भी यह पौधा लगा सकते हैं। अधिक बड़ा होने पर किसी मंदिर में इसे दान कर दें और दूसरा पौधा लगाएं।

शिव पुराण में घर पर बेल का वृक्ष लगाने के फायदों का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार जिस भी स्थान पर या घर में यह पौधा या वृक्ष होता है वह काशी तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय स्थल है। ऐसी जगह या घर सभी प्रकार की तंत्र बाधाओं से मुक्त होते हैं। जिस घर में बेल का वृक्ष हो वहां रहने वाले सभी सदस्यों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
यहां रहने वाले लोगों पर कभी भी चंद्रमा की बुरी दशाएं नहीं आतीं, हर सदस्य यशस्वी बनता है और पूरा परिवार समाज में उच्च सम्मान पाता है। इसमें घर की अलग-अलग दिशाओं में बेल का वृक्ष होने के अलग-अलग फायदे बताए गए हैं।
घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा बेल का पौधा वहां रहने वाले हर सदस्य को यशस्वी और तेजवान बनाता है। इसलिए सम्मान तथा प्रसिद्धि पाने के लिए इसे इस दिशा में लगाएं।
घर के उत्तर-दक्षिण दिशा में लगा बेल का पौधा परिवार को आर्थिक संपन्नता देता है। ऐसे परिवार का हर व्यक्ति धनवान बनता है और कभी भी उन्हें धन की कमी नहीं होती। कर्ज से मुक्ति के लिए भी इस दिशा में बेल का पौधा लगाना चाहिए।
इसी तरह सभी प्रकार की सुख प्राप्ति के लिए घर के बीचोंबीच बेल का पौधा लगाना चाहिए। ऐसे घर में परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम-भाव रहता है। उनके जीवन में किसी भी प्रकार से अचानक का दुख-शोक नहीं आता, शांति होती है और वे कलह से हमेशा बचे रहते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के प्रांगण में बेल का पौधा होने से आप सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से बचे रहते हैं। इसमें नियमित रूप से पानी दें और इसकी सेवा करें। लेकिन जिस प्रकार घर में तुलसी का पौधा रखने के कुछ नियम हैं, उसी प्रकार इस पौधे के लिए भी कुछ नियमों का पालन किया जाना आवश्यक है। आइए जानते हैं क्या हैं ये….
हिंदी पंचाग के अनुसार किसी भी माह की अष्टमी, अमावस्या, पूर्णिमा तिथि अथवा सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि बेल के पत्तों या कहें बेलपत्र को शिव पूजन में आप एक से अधिक बार भी इस्तेमाल कर सकते हैं।